जनगणना एवं जनसंख्या । जनगणना का इतिहास। जनगणना पर लेख।
भारत में जनगणना की शुरुआत : जनगणना का इतिहास
विश्व की पहली जनगणना कब हुई?
भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 में लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुई। भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत 1881 ई. में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी।
1881 ई. में जनगणना आयुक्त W.W प्लोडन थे, वहीं स्वतंत्र भारत के पहली जनगणना-1951 ई. के समय जनगणना आयुक्त R.A. गोपालास्वामी (1949-53 ई.) थे। आधुनिक विश्व में सर्वप्रथम व्यवस्थित रूप से जनगणना कराने का श्रेय स्वीडन को है। जहाँ 1749 ई. में पहली बार जनगणना कराई गयी थी। दशकीय जनगणना की शुरुआत 1790 ई. से अमेरिका में हुई। 1801 ई. में इंग्लैंड में जनगणना प्रारंभ हुई।
जनगणना 2011 ई. के तहत देश में पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR-National Population Resister)तैयार किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी नागरिकों के कुल 15 विवरण दर्ज कराने के अतिरिक्त 15 वर्ष एवं इससे ऊपर की वय के सभी नागरिकों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं ।
भारत की जनगणना-2011 : वर्ष 2011 की जनगणना का विवरण
भारतीय संविधान की धारा-246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का दायित्व संघ सरकार को सौंपा गया है। यह संविधान की सातवीं अनुसूची की क्रम-संख्या-69 पर अंकित है। जनगणना संगठन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, जिसका उच्चतम अधिकारी भारत का महापंजीयक एवं जनगणना होता है।
यह देश भर में जनगणना संबंधी कार्यों को निर्देशित करता है तथा जनगणना के आंकड़ों को जारी करता है वर्तमान में भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त डॉ. सी. चन्द्रमौली है। इनसे पूर्व इस पद पर देवेन्द्र कुमार सिकरी (2004 से 2009 ई. तक) थे।
2011 ई. की जनगणना यानी 15वीं जनगणना (स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना) की शुरुआत महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के द्वारा 1 अप्रैल 2010 ई. से हुई है। सितम्बर, 2010 ई. को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जाति आधारित जनगणना (1931 ई. के बाद पहली बार) की स्वीकृति प्रदान कर दी, जो अलग से जून, 2011 से सितम्बर, 2011 ई. के बीच सम्पन्न हुई। जनगणना 2011 ई. का शुभंकर प्रगणक शिक्षिका थी तथा इसका आदर्श वाक्य था-हमारी जनगणना हमारा भविष्य ।
2001 ई. की जनगणना में भारत का प्रशासनिक विभाजन 593 जिलों में किया गया था जबकि 2011 ई. की जनगणना में यह विभाजन 640 जिलों में किया गया है। स्पष्ट है कि एक दशक की अवधि (2001-2011 ई.) में कुल 47 नये जिले बने ।
महान विभाजक वर्ष : भारत के जनांकिकीय इतिहास में 1921 ई. को महान विभाजक की संज्ञा दी जाती है। 1911 से 1921 ई. के दौरान भारत में जनसंख्या की दशकीय वृद्धि ऋणात्मक (-0.31%) हो गई थी फलस्वरूप इस दशक में भारत की जनसंख्या में 77 लाख की कमी आई। इसीलिए 1921 ई. को विभाजक वर्ष की संज्ञा दी गई है।
जनगणना के दौरान प्राप्त कुछ तथ्य एवं इनके परिभाषा
जनसंख्या घनत्व - जनसंख्या घनत्व का मतलब प्रति वर्ग किलोमीटर में निवासित औसत जनसंख्या से है।
लिंगानुपात : प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहते हैं।
शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) : जनसंख्या में 0-6 आयु समूह में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में उसी आयु समूह में स्त्रियों की संख्या को शिशु लिंगानुपात (CSR) कहा जाता है।
साक्षरता दर : सात वर्ष और उससे अधिक आयु का जो व्यक्ति किसी भाषा को समझ सकता हो और उसे लिख या पढ़ सकता हो साक्षर (Literate) कहलाता है। 7 वर्ष और उससे अधिक आयु वाली कुल जनसंख्या में साक्षरों के प्रतिशत को जनसंख्या की साक्षरता दर कहते हैं।
दशकीय वृद्धि दर : यह 10 वर्षों के मध्य जनसंख्या में हुई प्रतिशत वृद्धि को व्यक्त करता है।
शिशु मृत्यु दर : शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्में शिशुओं 1 वर्ष से कम आयु वाले मृत शिशुओं की संख्या को दर्शाती है। यानी शिशु मृत्यु दर किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्म पर उसी वर्ष में मृत शिशुओं की संख्या है।
2011 जनगणना से संबंधित प्रमुख आंकड़े
- 2011 ई. की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 1210854977 है, जिसमें 62,32,70,258 (51.47%) पुरुष एवं 58,75,84,719 (48.53%) महिलाएँ हैं। 2011 की. जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है।
- जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.97% से घटकर 1.64% हो गयी है जबकि दशकीय वृद्धि दर 21.54% से घटकर 17.7% हो गयी है। नागालैंड की दशकीय वृद्धि दर ऋणात्मक (-0.6%) रही।
- जनसंख्या घनत्व 325 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो गया है।
- लिंगानुपात 933 से बढ़कर 943 हो गया है। शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) 927 से घटकर 918 हो गया।
- जनसंख्या में साक्षर लोगों की संख्या 64.84% से बढ़कर 73% हो गयी है। पुरुष साक्षरता 75.26% से बढ़कर 80.9% एवं महिला साक्षरता 53.67% से बढ़कर 64.6% हो गयी।
जनगणना रिपोर्ट : 2011 की जनगणना रिपोर्ट
- ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता दर वाला राज्य आन्ध्र प्रदेश (60.4%) है। शहरी क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता वाला राज्य उत्तर प्रदेश (75.1%)है। ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य केरल (93%) है।
- देश में अब तक पूर्ण साक्षर घोषित किये गये एक मात्र राज्य केरल है।
- जनगणना 2011 ई. के अनुसार देश में अनुसूचित जाति (SC) के व्यक्तियों की कुल संख्या 20.14 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 16.6% है। (2001 में यह 16.2% थी) 2011 ई. में अनुसूचित जातियों में लिंगानुपात 945 है। 2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जाति की दशकीय वृद्धि दर 20.8% रही।
- 2011 ई. के जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति (ST) के व्यक्तियों की कुल संख्या 10.43 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। (2001 में यह 8.2% थी) 2011 ई. में अनुसूचित जनजातियों (ST) का लिंगानुपात 990 है। 2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जनजातियों (ST) की दशकीय वृद्धि दर 23.7% रही ।
- जनगणना-2011 के अनुसार देश की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या 31.2% है जबकि ग्रामीण जनसंख्या 68.8% है। उल्लेखनीय है कि 2001 में नगरीय जनसंख्या 27.8% तथा ग्रामीण जनसंख्या 72.2% थी।
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