भारत रत्न। भारत रत्न विजेता लिस्ट - List of bharat ratn - 2019
भारत रत्न : भारत के सर्वोच्च नागरिक के सम्मान हेतु दिया गया पुरस्कार।
भारत के सर्वोच्च नागरिक को जिस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है उसे भारत रत्न कहते हैं। यह पुरस्कार राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। सार्वजनिक सेवा, खेल, कला, साहित्य एवं विज्ञान आदि से संबंधित सेवाओं को इसमे शामिल किया जाता है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 2 जनवरी 1954 ई को इस सम्मान की स्थापना की गई थी।
राष्ट्रपति भवन (नई दिल्ली) ने 25 जनवरी, 2019 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका और समाजसेवी नानाजी देशमुख को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।
सरकार ने चार वर्ष बाद भारत रत्न सम्मान की घोषणा की है। इससे पहले वर्ष 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दिया गया था। बीस वर्ष बाद यह पहला अवसर है जब दो से अधिक लोगों को भारत रत्न के लिए चुना गया है। इससे पहले वर्ष 1999 में जयप्रकाश नारायण, पंडित रविशंकर, डॉ अमर्त्य सेन और गोपीनाथ बारदोलोई को भारत रत्न दिया गया था।
भारत रत्न विजेता लिस्ट
प्रणब मुखर्जी भारत के तीसरे पूर्व राष्ट्रपति है जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। इनसे पहले वीवी गिरी (1975) और डॉ राजेन्द्र प्रसाद (1962) यह उपलब्धि प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा भारत रत्न से सम्मानित डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम (1997), जाकिर हुसैन (1962) और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954) भी भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं, परन्तु इन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही 'भारत रत्न' सम्मान मिल गया था।
भारत रत्न
नानाजी देशमुख
नानाजी देशमुख पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद भारत रत्न से सम्मानित होने वाले आरएसएस से जुड़े दूसरे नेता है। इस वर्ष की घोषणा के बाद भारत रत्न से सम्मानित विभूतियों की संख्या अब 48 हो गई है।मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए गए समाजसेवी नानाजी देशमुख का पुरा नाम चंडिका दास अमृता राव देशमुख है।11 अक्टूबर, 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में कडोली नामक गाँव में जन्में नानाजी देशमुख के पिता का नाम अमृतराव देशमुख तथा माता का नाम राजाबाई अमृतराव देशमुख था।
नानाजी देशमुख 12 वर्ष की आयु में संघ से जुड़े, फिर जनसंघ से राजनीति में आए। नानाजी देशमुख को शिक्षा स्वास्थ्य और ग्रामीण लोगों के बीच स्वावलम्बन हेतु किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। वे आपातकाल के विरूद्ध जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन के भी प्रमुख शिल्पकार रहे। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। नानाजी देशमुख ने वर्ष 1950 में गोरखपुर में भारत के पहले सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना भी की थी।
नानाजी देशमुख ने 'दीनदयाल शोध संस्थान', 'ग्रामोदय विश्वविद्यालय' और 'बाल जगत' जैसे सामाजिक संगठनों की स्थापना भी की थी। विनोबा भावे के 'भूदान आन्दोलन' में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले नानाजी देशमुख को वर्ष 1999 में 'पद्म विभूषण' से भी सम्मानित किया गया था।
भूपेन हजारिका
मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित भूपेन हजारिका असम के बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे।असमी भाषा के कवि, गीतकार, संगीतकार व फिल्म निर्माता भूपेन हजारिका का जन्म तिनसुकिया जिले के सदिया कस्बे में 8 सितम्बर, 1926 को हुआ था। वे ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीतों को खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठ संस्कृत दोनों में से एक माना जाता है।
भूपेन हजारिका ने अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा हिन्दी, बंगाली सहित कई भारतीय भाषाओं में गायन कार्य किया उन्होंने भारत की संगीत परम्परा को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाया भूपेन हजारिका को पद्मश्री (1977), पद्म भूषण (2001), पद्म विभूषण (2012, मरणोपरांत), संगीत नाटक अकादमी (1987), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (1992) और असम रत्न (2009) सम्मान भी प्राप्त थे।
उनके द्वारा निर्देशित फिल्म फिल्म शकुन्तला को वर्ष 1961 में सर्वश्रेष्ठ असमी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। असम में हित नदी (ब्रह्मपुत्र की सहाय नदी) पर बनाये गये देश के सबसे लंबे ढोला-सादिया पुल का नामकरण हाल ही में भूपेन हजारिका के नाम पर किया गया है।
भारत रत्न विजेता लिस्ट 2019
प्रणब मुखर्जी
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर, 1935 को बंगाल प्रेसीडेंसी (ब्रिटिश भारत) के बीरभूम जिले के मिराती गाँव में हुआ। पाँच दशक से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे प्रणब मुखर्जी वर्ष 2012-17 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति के अलावा प्रणब मुखर्जी केन्द्रीय वित्त मंत्री (2009-12 व 1982-84), विदेश मंत्री (2006-09 व 1995-96) और रक्षा मंत्री (2004-06) भी रह चुके हैं।
इसके अलावा प्रणब मुखर्जी को वर्ष 1991 में तत्कालीन योजना आयोग का प्रमुख भी बनाया गया था। 2012 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से पूर्व वह केन्द्र में वित्त मंत्री थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 'द ड्रामेटिक डिकेड, द टर्बुलेंट इयर्स और द कोलेजन ईयर्स' नामक पुस्तक भी लिख चुके हैं।
इनकी आत्मकथा श्रृंखला की 'द कोलीजन ईयर्स' नामक पुस्तक में राजनीतिक नजरिया प्रदान करने के साथ-साथ कुछ दुर्लभ रहस्यों को भी बताया गया है। प्रणब मुखर्जी को वर्ष 2008 में 'पद्म विभूषण' से भी
सम्मानित किया जा चुका है। जून 2018 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर आरएसएस के किसी कार्यक्रम में शामिल होने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बने थे।
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