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बिहार की अर्थव्यवस्था - Economy of bihar

बिहार की आर्थिक स्थिति  बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार, पिछले दशक में (2004-05 से 2014-15 के बीच) स्थिर मूल्य पर राज्य की आय 10.1%...

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Balance sheet कैसे बनाये? | Balance sheet मैच करने के नियन |


BALANCE SHEET :किसी भी compony का Balance sheet कैसे बनाये।



किसी भी Compony का Balance sheet बनाते समय किन - किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, क्यों कि जब तक हम छोटी सी छोटी Adjustment पे ध्यान नहीं देंगे तो हमारा Balance sheet मैच नहीं करेगा। तो आइये जानते हैं - 



आर्थिक चिट्ठे में दर्शायी गयी मदों का स्पष्टीकरण (EXPLANATION OF ITEMS SHOWN IN BALANCE SHEET)


(1) समता एवं दायित्व (EQUITY AND LIABILITIES) : 


A. अंशधारी कोष (Shareholders' fund)


    ■अंश पूँजी (Share Capital) : प्रत्येक प्रकार की अंश पूंजी के लिए 


    ■अधिकृत (Authorised) अंशों की संख्या एवं राशि;


    ■निर्गमित (Issued), प्रार्थित (Subscribed) एवं पूर्णतयाः चुकता तथा प्रार्थना एवं आंशिक चुकता अंशों की संख्या;


    ■प्रति अंश का सम मूल्य (Par Value)


    ■स्थिति विवरण तैयार करने की तिथि के तुरन्त पहले के पाँच वर्षों की अवधि में अनुबन्धों के पालन में बिना नकदी प्राप्त किये पूर्णतया चुकता अंशों के रूप में आबंटित किये गये अंशों की संख्या एवं प्रकार।


    ■अदत्त याचना (Calls Unpaid), संचालकों एवं अधिकारियों द्वारा न चुकाई गई याचनाओं की राशि को प्रदर्शित करते हुए। (अदत्त याचनाओं को Subscribed Capital में से घटाया जायेगा।


    ■हरण किये गये अंश (Forfeited Shares) ।



Balance sheet कैसे बनाये? 



(B) संचय एवं आधिक्य (Reserves and Surplus) 

संचय एवं आधिक्य को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :


    ■पूँजी संचय (Capital Reserves)


    ■पूँजी शोधन संचय (Capital Redemption Reserve)


    ■प्रतिभूति प्रीमियम संचय (Securities Premium Reserve) (इसमें से Preliminary Expenses को घटा दिया जाता है)


    ■ऋणपत्र शोधन संचय (Debenture Redemption Reserve)


    ■पुनर्मूल्यांकन संचय (Revaluation Reserve)


    ■अंश विकल्प अदत्त खाता (Share Options Outstanding Account)


    ■अन्य संचय (Other Reserves) (प्रत्येक संचय की प्रकृति, उद्देश्य एवं राशि स्पष्ट करते हुए)


    ■आधिक्य (Surplus) अर्थात् लाभांश (Dividend), बोनस अंश एवं संचयों में हस्तान्तरण के पश्चात् लाभ-हानि  (Balance of Statement of Profit & Loss)।



Profit & Loss Statement के डेबिट शेष को 'Surplus' शीर्षक के अन्तर्गत ऋणात्मक (Negative) संख्या के रूप में दिखाया जाएगा इसी प्रकार, 1 Surplus' के Negative शेष को Reserve and Surplus समायोजित करने के बाद यदि Reserve and Surplus का Negative शेप बचता है तो भी इसे इसी शीर्षक के अन्तर्गत दिखाया जायेगा।





2. अंश आवेदन राशि, जब तक आवंटन न हो (Share Application money pending allotment) 




3. गैर-चालू दायित्व (Non-current Liabilities)


(A) दीर्घकालीन ऋण (Long-term Borrowings) : इनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जायेगा


    ■बॉण्ड/ऋणपत्र (Bonds/Debentures)

    ■अवधि ऋण बैंकों से



(B) दीर्घकालीन आयोजन (Long-term Provisions)

इन्हें निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा : 


    ■कर्मचारी हित आयोजन (Provision for employee benefits) (कोई भी आयोजन जो 12 माह से अधिक अवधि के बाद देय होगा उसे Long-term Provision के अन्तर्गत लिखा जायेगा और 12 माह की अवधि के अन्तर्गत देय होने वाले आयोजन को Short-term Provision के अन्तर्गत लिखा जायेगा।)


    ■अन्य (Others)



4. चालू दायित्व (Current Liabilities) : (12 माह या इससे पूर्व देय)-


(A) अल्पकालीन ऋण (Short-term Borrowings) इन्हें अग्र प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :


    ■माँग पर देय ऋण(Loans repayable on demand) 


    ●बैंकों से

    ●अन्य पक्षकारों से

    ■जमा (Deposits)

    ■अन्य ऋण एवं अग्रिम (Other Loans and Advances) 




(B) अन्य चालू दायित्व (Other Current Liabilities)
इन्हें निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :


    ■दीर्घकालीन ऋण जो वर्तमान में देय है (Current Maturities of Long-term debt)

    ■ऋणों पर अदत्त ब्याज, परन्तु देय नहीं

    ■ऋणों पर अदत्त एवं देय ब्याज



उदाहरण के लिए, जैसे यदि कम्पनी अपने ऋणपत्रों पर 30 जून और 31 दिसम्बर को ब्याज देती है और यदि वित्तीय विवरण 31 मार्च, 2012 को बनाती है तो यदि कम्पनी ने 31 दिसम्बर, 2011 वाला व्याज 31 मार्च, 2012 तक न दिया हुआ हो तो यह ब्याज दर एवं देय व्याज (Interest accrued and due) कहलायेगा।




1 जनवरी, 2012 से 31 मार्च, 2012 तक का ब्याज 'अदत्त परन्तु देय नहीं (Interest accrued but not due) कहलायेगा।



    ■अग्रिम प्राप्त आय (Income received in advance) 

    ■न चुकाया गया लाभांश (Unpaid dividends)

    ■प्रतिभूतियों के आबंटन के लिए प्राप्त आवेदन राशि जो वापस करनी है और इस पर देय ब्याज।

    ■जमा राशियाँ (Deposits) जो भुगतान के लिए देय हो गई हैं परन्तु चुकाई नहीं गई हैं और इन पर देय

    ■ब्याज।

    ■ऋणपत्र (Debentures) जो भुगतान के लिए देय हो गये हैं परन्तु चुकाये नहीं गये हैं और इन पर देय ब्याज।

    ■अन्य देय राशियाँ (Such as Outstanding Expenses, Calls-in-advance, Unclaimed Dividends etc.)




(C) अल्पकालीन आयोजन (Short-term Provisions) इन्हें निम्न प्रकार व्याकरण किया जायेगा:


    ■(i) कर्मचारी कल्याण आयोजन (Provision for employee benefits)


how to match balance sheet



एक ही बार में Balance sheet कैसे मैच करें? 


2. सम्पत्तियाँ (ASSETS)



(1) गैर-चालू सम्पत्तियाँ (Non-current Assets) 


(A) स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets) :


(i) मूर्त सम्पत्तियाँ (Tangible Assets) इनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जायेगा


    ■भूमि (Land) 

    ■भवन (Buildings)

    ■यंत्र एवं उपकरण (Plant and Equipment) 

    ■फर्नीचर एवं साज-सज्जा (Furniture and Fixtures)

    ■वाहन (Vehicles)

    ■कार्यालय उपकरण (Office Equipment)

    ■अन्य (Others) समाधान, जिसमें व्यावसायिक संयोगों व समायोजनों के माध्यम से किये गये सम्बर्द्धन, निपटारा, अधिग्रहण भी दिखाये जायेंगे एवं सम्बन्धित ह्रास व हानियों को भी अलग से दिखाया जायेगा।



(ii) अमूर्त सम्पत्तियाँ (Intangible Assets) इनका वर्गीकरण अग्र प्रकार किया जायेगा :


    ■ख्याति (Goodwill

    ■बाण्ड एवं व्यापारिक चिन्ह (Brands/Trademarks)

    ■कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software)

    ■मास्टहैड एवं प्रकाशन अधिकार (Mast Hands and publishing titles) 

    ■खनिज अधिकार (Mining Rights)

    ■कॉपीराइट (Copyright), एकस्व (Patents) एवं अन्य बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार (Intellectual Property Rights), सेवाएँ एवं संचालन अधिकार (Services and Operating Rights)

    ■नुस्खे (Recipes), फॉर्मूले, मॉडल, डिजाइन एवं मूल रूप (Prototypes)

    ■लाइसेंस एवं फ्रेंचाइजी।




(B) पूँजीगत कार्य जो प्रगति पर हैं (Capital Work-in-Progress) इससे आशय स्वयं निर्मित सम्पत्ति, यंत्र एवं उपकरण की लाiगत से है।



(C) गैर-चालू विनियोग (Non-current Investments) (एक वर्ष से अधिक अवधि के विनियोग)


(i) गैर चालू विनियोगों को व्यापारिक विनियोग (Trade Investments) तथा अन्य विनियोगों में वर्गीकृत किया जायेगा तथा पुनः निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :


    ■विनियोग सम्पत्ति (Investment Property) :

    ■विनियोग सम्पत्ति से आशय उस भूमि तथा भवन से है जिसे मूल्य वृद्धि अथवा किराया अर्जित करने के उद्देश्य से रखा गया है न कि

    ■माल के उत्पादन या पूर्ति करने के लिए अथवा सेवाओं अथवा प्रशासनिक कार्यों के लिए, अथवा

    ■व्यवसाय के सामान्य संचालन के दौरान विक्रय के लिए

    ■समता प्रपत्रों में विनियोग (Investment in Equity Instruments)

    ■पूर्वाधिकार अंशों में विनियोग (Investment in Preference Shares) (d) सरकारी अथवा ट्रस्ट प्रतिभूतियों में विनियोग (Investments in Government or Securities)

    ■ऋण पत्रों अथवा बॉण्ड में विनियोग (Investment in Debentures or Bonds)

    ■म्यूच्यूअल फण्डों में विनियोग (Investments in Mutual Funds)

    ■साझेदारी फर्मों में विनियोग (Investments in Partnership Firms)

    ■अन्य गैर चालू विनियोग (Other Non-current Investments) (specify nature) 




(D) दीर्घकालीन ऋण एवं अग्रिम (Long-term Loans and Advances)


(i) इन्हें निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा : 


    ■पूँजीगत अग्निम (Capital Advances)

    ■जमानती जमा (Security Deposits)

    ■अन्य ऋण एवं अग्रिम (Other Loans and Advances)



(II)  उपरोक्त का पुन: निम्न प्रकार उप-वर्गीकरण किया जायेगा : 


    ■सुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Secured, considered good)

    ■असुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Unsecured, considered good)

    ■संदिग्ध (Doubtful)



(iii) डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन को उचित शीर्षक के अन्तर्गत अलग से दिखाया जायेगा।


(iv) कम्पनी के संचालकों एवं अन्य अधिकारियों से देय ऋण एवं अग्रिम।



(E) अन्य गैर-चालू सम्पत्तियाँ (Other Non-current Assets) इन्हें अग्र प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा


i) दीर्घकालिक व्यापार प्राप्य (Long.term Trade Receivables) (स्थगित उधार शर्तों पर व्यापारिक प्राप्या सहित)


(ii) अन्य


(iii)दीर्घकालीन व्यापारिक प्राप्यों का निम्न प्रकार वर्गीकरण किया जायेगा : 


    ■सुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Secured, considered good)

    ■असुरक्षित, जो अच्छे माने गये है (Unsecured, considered good)

    ■संदिग्ध (Doubtful)

    ■डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन को उचित शीर्षक के अन्तर्गत अलग से दिखाया जायेगा। 

    ■कम्पनी के संचालकों एवं अन्य अधिकारियों से देय राशियाँ।

    ■स्थगित कर सम्पत्ति (Deferred Tax Assets)




(2) चालू सम्पत्तियाँ (Current Assets) :



(A) चालू विनियोग (Current Investments) (1 वर्ष या उससे कम अवधि के विनियोग)


(i) चालू विनियोगों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :-

    ■समता प्रपत्रों में विनियोग (Investments in Equity Instruments)

    ■पूर्वाधिकार अंशों में विनियोग (Investment in Preference Shares)

    ■सरकारी अथवा ट्रस्ट प्रतिभूतियों में विनियोग (Investments in Government or Trust Securities)

    ■ऋणपत्रों अथवा बॉण्ड में विनियोग (Investment in Debentures or Bonds) 

    ■म्यूच्यूअल फण्डों में विनियोग (Investments in Mutual Funds)

    ■साझेदारी फर्मों में विनियोग (Investments in Partnership Firms)

    ■अन्य विनियोग (Other Investments)

    ■निम्नलिखित का भी प्रकटीकरण किया जायेगा :

    ■प्रत्येक विनियोग के मूल्यांकन का आधार।

    ■स्टॉक एक्सचेंज पर सूचित विनियोग (Quoted Investments) एवं इनका बाजार मूल्य।

    ■गैर-सूचित (Unquoted) विनियोगों का मूल्य। 

    ■विनियोगों के मूल्य में कमी के लिए किया गया आयोजन।




(B) स्टॉक (Inventories):


(i) स्टॉक को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा : 

    ■कच्चा माल (Raw Materials)

    ■अर्द्ध-निर्मित माल (Work-in-progress)

    ■निर्मित माल (Finished Goods)

    ■व्यापारिक रहतिया (Stock-in-trade) 

    ■स्टोर्स तथा स्पेयर्स (Stores and Spares)



(ii) मार्ग में माल (Goods-in-transit) को स्टॉक के अन्तर्गत अलग उप-शीर्षक में दिखाया जायेगा। 


(iii) स्टॉक के मूल्यांकन की विधि को स्पष्ट किया जायेगा।



(C) व्यापारिक प्राप्यताएँ (Trade Receivables) (इनमें 1 वर्ष या इससे कम अवधि के Sundry Debtors तथा B/R को सम्मिलित किया जाता है।



(D) प्राप्य होने के लिए देय होने की तिथि से 6 माह से अधिक अवधि से देय व्यापारिक प्राप्यताओं को अलग दिखाया जायेगा। 




(i) व्यापारिक प्राप्यताओं को निम्न प्रकार से उप-वर्गीकृत किया जायेगा :

    ■सुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Secured, considered good) 

    ■असुरक्षित, जो अच्छे माने गये है (Unsecured, considered good)

    ■संदिग्ध (Doubtful)


(ii) डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन को उचित शीर्षक के अन्तर्गत अलग से दिखाया जायेगा।


(iii) कम्पनी के संचालकों एवं अन्य अधिकारियों से देय राशियाँ। संक्षेप में, व्यापारिक प्राप्यताएँ निम्न प्रकार प्रदर्शित की जायेंगी। 


(E) नकद एवं नगद तुल्य (Cash and Cash Equivalents) इन्हें निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा :

   ■बैंकों में शेष

    ■कम्पनी के पास चैक एवं ड्रॉफ्ट

    ■नकद शेष

    ■अन्य



(F) अल्पकालीन ऋण एवं अग्रिम (Short-term Loans and Advances):


(i) इन्हें निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जायेगा : 


    ■सम्बन्धित पक्षकारों को ऋण एवं अग्रिम

    ■अन्य (जैसे कि, अवधि जमा जिनकी शेष परिपक्वता अवधि 3 माह अधिक परन्तु 12 माह से कम है, इस शीर्षक के अन्तर्गत दिखाये जायेंगे।)




(ii) उपरोक्त को निम्न प्रकार से उप-वर्गीकृत किया जायेगा :

   ■सुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Secured, considered good)

    ■असुरक्षित, जो अच्छे माने गये हैं (Unsecured, considered good) 

    ■संदिग्ध (Doubtful) 



(iii) डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन को उचित शीर्षक के अन्तर्गत अलग से दिखाया जायेगा।



(iv) कम्पनी के संचालकों एवं अन्य अधिकारियों से देय ऋण एवं अग्रिम की राशियाँ।



(G) अन्य चालू सम्पत्तियाँ (Other Current Assets) इस शीर्षक में वह भी चालू सम्पत्तियाँ लिखी जायेंगी जो उपरोक्त किसी भी शीर्षक में सम्मिलित नहीं की जा सकती a 4 (Prepaid Expenses), Interest accrued on Investments' etc.


BALANCE SHEET :किसी भी compony का Balance sheet कैसे बनाये।



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